Hindi Sahitya – हिन्दी साहित्य
हिन्दी भारत और विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। इसकी जड़ें प्राचीन भारत की संस्कृत भाषा तक जाती हैं, परंतु मध्ययुगीन भारत के अवधी, मागधी, अर्धमागधी तथा मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य को हिन्दी का आरंभिक साहित्य माना जाता है।
हिन्दी साहित्य ने अपनी शुरुआत लोकभाषा कविता के माध्यम से की और गद्य का विकास बहुत बाद में हुआ। हिन्दी में तीन प्रकार का साहित्य मिलता है – गद्य, पद्य, और चम्पू। जो गद्य और पद्य दोनों में हो उसे चम्पू कहते हैं। खड़ी बोली की पहली रचना कौन सी है, इस विषय में विवाद है लेकिन अधिकांश साहित्यकार लाला श्रीनिवासदास द्वारा लिखे गए उपन्यास “परीक्षा गुरु” को हिन्दी की पहली प्रामाणिक गद्य रचना मानते हैं।
Index Of Hindi Sahitya (विषय सूची)
3. भक्ति काल (पूर्व मध्यकाल)
1. रामभक्ति काव्यधारा (रामाश्रयी शाखा)
2. कृष्णभक्ति काव्यधारा (कृष्णाश्रयी शाखा)
3. संत काव्यधारा (ज्ञानाश्रयी शाखा)
4. सूफी काव्यधारा (ज्ञानाश्रयी शाखा)
5. भक्तिकाल की फुटकर रचनाएँ
6. भक्तिकाल के अन्य कवि
7. आख्यान काव्य
4. रीति काल (उत्तर मध्य काल)
1. रीतिबद्ध कवि
2. रीतिसिद्ध कवि
3. रीतिमुक्त कवि
4. रीतिकाल के अन्य कवि
5. आधुनिक काल (गद्यकाल)
1. भारतेंदु युग
2. द्विवेदी युग
3. छायावादी युग
4. छायावादोत्तर युग (शुक्लोत्तर युग)
1. प्रगतिवाद
2. प्रयोगवाद
3. नयी कविता
4. नवगीत
5. उपन्यास
6. हिन्दी कहानी
7. हिन्दी नाटक
8. हिन्दी निबंध
6. हिन्दी साहित्य के सर्वप्रथम कवि
1. हिन्दी साहित्य का वर्गीकरण
हिन्दी साहित्य का वर्गीकरण एवं काल विभाजन और नामकरण को लेकर विद्वानों के विविध मत रहे हैं। काल विभाजन के सम्बन्ध में सबसे पहला वर्गीकरण ‘जॉर्ज ग्रियर्सन’ का है, जो हिन्दी साहित्यकारों ने अस्वीकार कर दिया। इनके अतिरिक्त मिश्रबंधुओं, रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामकुमार वर्मा, गणपति चंद्र गुप्त, रामखेलावन, डॉ नगेन्द्र, डॉ बच्चन और रामस्वरूप चतुर्वेदी ने भी हिन्दी साहित्य का वर्गीकरण और नामकरण किया है। इनमें सबसे प्रसिद्ध रामचंद्र शुक्ल और हजारी प्रसाद द्विवेदी का हिन्दी साहित्य काल वर्गीकरण एवं विभाजन है
- वर्गीकरण, काल विभाजन और नामकरण
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार हिंदी साहित्य का काल विभाजन –
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन दोहरे नामकरण से किया गया। इन्होंने 900 वर्षों के हिंदी साहित्य को चार भागों में विभाजित किया।
1. आदिकाल (वीरगाथा काल, संवत 1050 से 1375)
2. पूर्व मध्य काल ( भक्ति काल, संवत 1375 से 1700)
3. उत्तर मध्य काल (रीतिकाल, संवत 1700 से 1900)
4. आधुनिक काल (गद्य काल, संवत 1900 से आज तक)
- डॉ. रामकुमार वर्मा के अनुसार काल विभाजन –
1. संधि काल (संवत 750 से 1000)
2. चारण काल (संवत 1000 से 1375)
3. भक्ति काल (संवत 1375 से 1700)
4. रीति काल (संवत 1700 से 1900)
5. आधुनिक काल (संवत 1900 से अब तक)
- मिश्र बंधु के अनुसार हिंदी साहित्य का काल विभाजन –
मिश्र बंधुओ ने अपने इतिहास ग्रंथ मिश्र बंधु विनोद में निम्न प्रकार से काल विभाजन किया।
1. आरम्भिक काल
(क) पूर्वारम्भिक काल 700 से 1343 वि. संवत
(ख) उत्तरारम्भिक काल 1344 से 1444 वि. संवत
2. माध्यमिक काल
(क) पूर्व माध्यमिक काल 1445 से 1560 वि. संवत
(ख) प्रौढ़ माध्यमिक काल 1561 से 1680 वि. संवत
3. अलंकृत काल
(क) पूर्वालंकृत काल 1681 से 1790 वि. संवत
(ख) उत्तरालंकृत काल 1791 से 1889 वि. संवत
4. परिवर्तन काल – 1890 से 1925 वि. संवत
5. वर्तमान काल 1926 से आज तक
- डॉ. नगेन्द्र के अनुसार हिंदी साहित्य का काल विभाजन व नामकरण –
डॉ, नगेन्द्र ने अपने हिंदी साहित्य के इतिहास (1973) में काल विभाजन व नामकरण इस प्रकार किया –
1. आदिकाल 7 वीं शताब्दी के मध्य से 14 वीं शताब्दी के मध्य तक।
2. भक्ति काल – 14 वीं शताब्दी के मध्य से 17 वीं शताब्दी के मध्य तक।
3. रीति काल – 17 वीं शताब्दी के मध्य से 19 वीं शताब्दी के मध्य तक।
4. आधुनिक काल – 19 वीं शताब्दी के मध्य से अब तक
1. पुनर्जागरण काल (भारतेंदु काल) 1857 से 1900 ई. तक।
2. जागरण काल (द्विवेदी काल) 1900 से 1918 ई. तक।
3. छायावाद काल 1918 से 1938 ई. तक।
4. प्रगति – प्रयोग काल 1938 से 1953 ई. तक।
5. नवलेखन काल 1953 ई. से अब तक।
- डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन के अनुसार काल विभाजन –
Trick – चाप जा व्रज मुतु रितु अकम।
डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन ने हिंदी साहित्य के इतिहास को ग्यारह भागों में विभाजित किया गया। इन्होंने हिंदी साहित्य के प्रथम काल का नाम चारण काल कहा।
1. चारण काल (700 – 1300 ई.)
2. पंद्रहवीं शती का धार्मिक पुनर्जागरण
3. जायसी की प्रेम कविता
4. व्रज का कृष्ण सम्प्रदाय
5. मुगल दरवार
6. तुलसीदास
7. रीतिकाव्य
8. तुलसीदास के अन्य परवर्ती
9. अट्ठारहवीं शताब्दी
10. कम्पनी के शासन में हिंदुस्तान
11. महारानी विक्टोरिया के शासन में हिंदुस्तान।
- बच्चन सिंह के अनुसार काल विभाजन –
1. अपभ्रंश काल
2. भक्तिकाल
3. रीतिकाल
4. आधुनिक काल
2. आदिकाल (वीरगाथा काल)
1. सिद्ध साहित्य
2. नाथ साहित्य
3. जैन साहित्य
4. चारणी साहित्य
5. प्रकीर्णक साहित्य
6. अपभ्रंश काव्य
7. देशभाषा काव्य
8. आदिकाल की फुटकर रचनाएँ